हर शहर हर गली में हमें मिल जाती है।,
देखकर उसे होंठों पे मुस्कान खिल जाती है,
उसे देख थकान छूमंतर हो जाती है,
नये शहरों में नये दोस्तों से पहचान करवाती है,,
दो अजनबीयों को मिलाने का बहाना बन जाती है,
मिलकर दोस्तों साथ कई फसाने बनाती है,
हर शहर हर गली में हमें मिल जाती है।।
एक यही तो है . जो घर से बाहर भी अपनेपन का एहसास दिलाती है,
सुख और दुःख दोनो में हमारा साथ निभाती है,
बडी देर से सोच रहे होंगे अाप,
आखिर है कौन एसी शक्शियत जो हमको इतना याद आती है,
तो बतादें आपको कि जिसकी इतनी तारीफ़ सुनी आपने वो चाय के नाम से जानी जाती है।।
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